मासिक धर्म के कपड़े से करे वशीकरण।
ॐ यक्ष्यकारिणी देवी वशिभूताय मंम पति वश्यं कुरु कुरु स्वाहा ॥ वशीकरण के लिए आप कोई भी सिद्ध माला का प्रयोग कर सकती है और अगर ऐसा ना हो तो अपने मन ही मन spell counting कर सकती है. मंत्र जप पूरा होने पर इस कपड़े के ऊपर थोड़ा सा शहद डाल दे. घर में ही एक गड्ढा खोदकर इस वस्त्र को दबा दे.
कपड़े से वशीकरण इन हिंदी
स्त्री के कपड़े से वशीकरण इन हिंदी – वस्त्र वशीकरण
स्त्री के अंडर गारमेंट कपड़ों से वशीकरण, स्त्री के वस्त्र से वशीकरण, कपड़े से अचूक वशीकरण से वशीकरण करना बहुत ही आसान है
क्या आप अपने प्यार को अपने वश में करना चाहते हो, क्या आप किसी के ऊपर वशीकरण करना चाहते हो और उस से अपना काम करवाना चाहते
तो कपड़े दुवारा इस काम को बड़े ही आसानी से कर सकते हो, कपड़े से वशीकरण मात्र दो मिनट मेंवशीकरण करने की रीत हमारे यहाँ प्राचीन काल से चली आ रही हैं। बहुत पुराने ज़माने से ही अगर कोई किसी को वश में करना चाहता था तो वह कोई अभिचार करता था, यह ज़माना था वैदिक काल का और उसके बाद में पौराणिक काल का आगमन हुआ जब यह प्रथा बौद्धिक काल तक बदलती गयी और तंत्र विद्याओं में प्रचलित हो चली। आधुनिक काल में टोटके और भी बदल गए और आज कल के उपाय और प्रयोग प्राचीन काल से और भी ज़्यादा बदल गए हैं। यह होना स्वभाविक भी है क्यूंकि समय के साथ मानव जीवन में और जीवन शैली में बहुत अंतर आ जाता है। लोग पाते हैं की सब तरह की व्यवस्थाएं बदल रही हैं और वशीकरण और तंत्र मंत्र यन्त्र को भी समय के साथ बदलना ही होता है अन्यथा वे पीछे रह जाएँगी।
सामग्री:
सबसे पहले जिसको आपको अपने वश में करना हैं उसका कोई पहना हुआ कपड़ा वशीकरण करने के लिए आपके पास दो निम्बू और तोडा सा शहद होना चाहिए
वशीकरण करने की विधि:
इस विधि को शनिवार या अमावस्या को ही करना हैं सबसे पहले शनिवार के दिन आपको स्नान करके शिव मंदिर में शिवलिंग पर कच्चा दूध चढ़ा के आना हैं फिर किसी सुनसान जगह पर जा कर एक निम्बू पर उस इंसान का नाम लिखना हैं सिंदूर से जिसको आपको अपने वश में करना हैं
और दूसरे निम्बू पर अपना नाम लिखना हैं फिर दोनों निम्बू को उस कपड़े में लपेट देना हैं उसके बाद इस मंत्र का जाप 101 बार आपको बड़ी सावधानी से करना हैं मंत्र जानने के लिए हम से सम्पर्क करे फिर जिस निम्बू पर उस का नाम लिखा हैं उस निम्बू को काट कर रस निकाल के रस में शहद मिला के उसको पी ले फिर उसी इंसान के सामने जा कर इस मंत्र का जाप 7 बार करे वो इंसान आपके वश में हो जायेगा|
वशीकरण तिलक- मनुष्य २१वीं सदी में पदार्पण कर चूका है. कई आकाशगंगाओं की खोज कर चुका है. इतनी प्रगति के बावजूद मनुष्य को अब भी यह विश्वास है की मंत्र सिद्धि के माध्यम से किसी को भी अपने वश में किया जा सकता है. आम भाषा में इसी को वशीकरण कहते हैं . वशीकरण से अभिप्राय है -“किसी को अपने वश में करना “. वशीकरण का प्रयोग कई तरह से किया जा सकता है. इसके द्वारा मनुष्य अपने दुश्मन को भी अपना मित्र बना सकता है, मनचाहा वर प्राप्त किया जा सकता है, अपने करियर में आ रही बाधाओं को दूर कर सकता है.
ये तो हुआ वशीकरण का अर्थ. अब जानते हैं की तिलक क्या होता है? तिलक अर्थात टीका, जिसे हम अपने माथे पर भौंहों के बीच में लगते हैं. भारत योग की नगरी है. आदिकाल से हमारे यहाँ योग का, कुंडलिनी क्रिया का महत्त्व रहा है. योग विद्या के अनुसार यह मन जाता है की दोनों भौंहों के बीच में आज्ञाचक्र पर तिलक करने से न सिर्फ ललाट की आभा बढ़ती है, बल्कि इससे मन मस्तिष्क में एक स्फूर्ति का संचरण भी होता है.
वशीकरण तिलक शब्द वशीकरण+तिलक से मिलकर बना है. अर्थात मन्त्रों द्वारा सिद्ध की गई विशेष सामग्री का तिलक के रूप में प्रयोग करके किसी को वश में करना या फिर अपन आकर्षण शक्ति को बढ़ाना. अब सवाल यह उठता है की मनुष्य इस वशीकरण तिलक को आखिर क्यों प्रयोग करता है? इसके कई कारन हो सकते हैं, जैसे- किसी विशेष व्यक्ति को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए, किसी पार्टी में सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने के लिए ताकि वह पार्टी में सबके आकर्षण का केंद्र बन सके. इसके माध्यम से किसी विशेष स्त्री या उरुष को मोहित भी किया जा सकता है. कुछ लोग इस वशीकरण तिलक का प्रयोग अपने रूठे मित्र को मनाने के लिए भी करते हैं. वशीकरण तिलक का इस्तेमाल संपर्क में आने वाले व्यक्तियों पर सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए भी किया जाता है.
वशीकरण में कई तरह की सामग्री प्रयोग में लाई जाती है. उदाहरणार्थ :
१. शुद्ध सिन्दूर
२. शुद्ध केसर
३. शुद्ध गोरोचन
इन सबको बराबर भाग में मिलाकर एक चांदी की डिब्बी में रख लिया जाता है. फिर सूर्यौदय के पश्चात इस डिब्बी में से तिलक लगाना चाहिए. तिलक लगाने की सही जगह है, “दोनों भौंहों के बीच -‘आज्ञाचक्र’ “. तिलक लगाते समय निम्नलिखित मंत्र का जाप करना चाहिए :
” ॐ नमः सर्व लाक वशंकराय कुरु कुरु स्वाहा ”
इस मन्त्र के प्रयोग से सबको अपनी ओर आकर्षित किया जा सकता है.
वशीकरण के अन्तर्गत प्रियजन को मनाने के लिए निम्नलिखित विधि अपनायी जाती है:- ” सर्वप्रथम सुबह स्नान ध्यान करके सुबह के समय वशीकरण तिलक की सामग्री को गंगाजल, चन्दन पाउडर के साथ मिश्रित करके निम्नलिखित मन्त्र का उच्चारण करते हुए तिलक करें। इससे आपका रूठा हुआ मित्र मान जायेगा और आपके पास आ जायेगा। मन्त्र है :
“ॐ नमः कामाक्षी देवी ( नारी व पुरुष का नाम ) सिद्ध कुरु कुरु स्वाहा ”
इस मन्त्र का २१ दिन तक रोज़ जाप करना है।“
हर स्त्री सोचती है की उसका पति उसके वश में रहे. उसकी हर बात माने. ज्योतिषशास्त्र में पति को वश में करने के लिए वशीकरण तिलक मंत्र है. “रविवार के दिन रात को सोते समय कुछ सिन्दूर बिस्तर पर पति के सोने वाले हिस्से की ओर बिखरा दें तथा सुबह नाहा कर माँ पार्वती का नाम लेकर उससे अपनी मांग में भर लें.” इससे पति सदैव वश में रहते हैं.
असम की राजधानी दिसपुर के पास गुवाहाटी से ८ किलोमीटर दूर कामाख्या से भी १० किलोमीटर दूर नीलांचल पर्वत पर स्थित है ” कामरूप कामाख्या मंदिर” . यह मंदिर शक्ति की देवी सती का मंदिर है. इसका तांत्रिक महत्त्व है. यहां पर एक
मोहन मंत्र प्रचलित है. माना जाता है की , कामरूप कामाख्या क्षेत्र में ‘कामिया सिन्दूर’ पाया जाता है. इसे प्राप्त कर लगातार सात रविवार तक निम्नलिखित मन्त्र का १०८ बार जाप करें. इससे मन्त्र सिद्ध हो जायेगा. प्रयोग के समय ‘कामिया सिन्दूर’ पर सात बार निम्नलिखित मन्त्र पढ़कर अपने माथे पर टीका लगाएं. इस तिलक को लगाकर जहाँ भी जाएंगे सभी वश में हो जायेंगे.
मन्त्र है:
“हथेली में हनुमन्त बसै, भैरु बसे कपार।
नरसिंह की मोहिनी, मोहे सब संसार।
मोहन रे मोहन्ता वीर, सब वीरन में तेरा सीर।
सबकी नजर बाँध दे, तेल सिन्दूर चढ़ाऊँ तुझे।
तेल सिन्दूर कहाँ से आया, कैलास पर्वत से आया।
कौन लाया, अन्जनी का हनुमन्त, गौरी का गनेश लाया।
काला, गोरा, तोतला तीनों बसे कपार।
बिन्दा तेल सिन्दूर का, दुश्मन गया पाताल।
दुहाई कमिया सिन्दूर की, हमें देख शीतल हो जाए।
सत्य नाम, आदेश गुरु की। सत् गुsरु, सत् कबीर। ”
वशीकरण तिलक मन्त्र नकारात्मक भी हैं और सकारात्मक भी. इसका सकारात्मकता पूर्ण प्रयोग व्यक्ति को प्रगति, मनचाहे वर की प्राप्ति, समाज में प्रतिष्ठित स्थान दिला सकता है. इससे दूसरों की भलाई भी की जा सकती है.
परंतु यदि व्यक्ति नकारात्मक प्रवृति वाला हो तो वह सिर्फ अपना ही भला सोचता है. उसे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता की उसके इस मन्त्र तंत्र के प्रयोग का किसी दुसरे पर दुष्प्रभाव भी पद सकता है . और वह इस वशीकरण तिलक मन्त्र का काली विद्या के रूप में प्रयोग करता है, जिसका न सिर्फ दूसरों पर बल्कि स्वयं उस व्यक्ति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है.
अंततः हम यही कहना चाहते हैं की वशीकरण तिलक मन्त्र जैसी शक्तियों का प्रयोग यदि कोई व्यक्ति करना भी चाहता है तो ‘सर्वजन हिताय’ अर्थात सबके हित की भावना को ध्यान में रख कर करें. इसका दुरूपयोग ना करें.
अगर आप धनवान बनने के साथ किसी व्यक्ति विशेष को भी अपने वश में करने की इच्छा रखते हो तो ये छोटा सा उपाय आपकी हर मनोकामना पूरी कर देगा । मंगल भवन अमंगल हारी, शनिवार करें सब इच्छा पूरी । जी हैं शनिवार के दिन से शुरू करके 31 दिन तक इस छोटे से वशीकरण मंत्र को हर रोज केवल 21 बार जपने से कोई भी अथाह धन का स्वामी बनने के साथ जिसे चाहे उसे अपने वश में कर सकता है ।
शनिवार के दिन सूर्योदय के बाद उत्तर दिशा की ओर मुंह करके लाल मूंगे की माला से नीचे दिये गये मंत्र को कुल 31 दिनों तक 3 माला का जप करने से मंत्र सिद्ध हो जायेगा । सिद्ध होने के बाद उक्त वशीकरण मंत्र को 21 बार अभिमंत्रित करके इच्छित व्यक्ति या वस्तु पर प्रयोग करने से वे आपकी हो जायेगी । मंत्र में अमुक शुव्द के स्थान पर जिसे भी वश में करना हो उसका नाम 3 बार उच्चारण करें ।
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