Shiv Puja: शादी में विवाह आ रही है अड़चन तो सोमवार को भगवान शिव का इस मंत्र के साथ करें अभिषेक.
Shiv Puja: शादी विवाह में आने वाली अड़चन को दूर करने में शिव पूजा का विशेष महत्व है. मान्यता है कि सोमवार का व्रत रखने से मनचाहा वर मिलता है और विवाह में आने वाले परेशानियां भी दूर होती हैं.
Shiv Puja Mantra In Hindi: पंचांग के अनुसार 23 नवंबर को सोमवार के दिन कई शुभ योग का निर्माण हो रहा है. इस दिन कार्तिक शुक्ल की नवमी तिथि है. नवमी पर चंद्रमा कुंभ राशि में रहेंगे. इस दिन शतभिषा नक्षत्र है, जिसका स्वामी राहु है. विशेष बात ये है कि इस दिन विवाह के कारक माने जाने वाले देव गुरु बृहस्पति राशि परिवर्तन कर चुके हैं. बृहस्पति 20 नवंबर से शनि की अपनी राशि मकर में शनि के साथ गोचर कर रहे हैं.
ज्योतिष शास्त्र में पुरूष के लिए शुक्र और स्त्री के लिए बृहस्पति को विवाह का कारक माना गया है. शुक्र भी शुभ स्थिति में बैठे हुए है. 17 नवंबर 2020 से शुक्र भी अपनी राशि यानि तुला राशि में आ चुके हैं. हालांकि मकर राशि में बृहस्पति नीच के माने जाते हैं लेकिन बृहस्पति किसी को हानि नहीं पहुंचाते हैं. शनि के साथ बृहस्पति का संबंध सम है. इसलिए इस दौरान जिन लोगों की विवाह में देरी आ रही है थी वह अब दूर हो सकती है.
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सोमवार को करें भगवान शिव की पूजा सोमवार को शिव पूजा से बृहस्पति ग्रह को बल मिलता है. वहीं शिव जी प्रसन्न होते हैं. सोमवार के दिन भगवान शिव के साथ माता पार्वती की पूजा करने से विशेष लाभ मिलता है. सोमवार को पंचांग के अनुसार प्रात: 11 बजकर 46 से दोपहर 12 बजकर 28 तक अभिजीत मुहूर्त बना हुआ है. इस मुहूर्त में भगवान शिव की पूजा करें. अभिजीत मुहूर्त में किए गए कार्य का अभिजीत फल प्राप्त होता है.
शिव जी का इन मंत्रों से करें अभिषेक 1: ॐ नम: शिवाय 2: ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।।
श्री शिव पंचाक्षर स्तोत्र: सभी प्रकार की मनोकामनाओं को पूर्ण करता है नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय भस्मांग रागाय महेश्वराये नित्याय शुद्धाय दिगंबराय तस्मे न काराय नम: शिवाय:॥ मंदाकिनी सलिल चंदन चर्चिताय नंदीश्वर प्रमथनाथ महेश्वराये मंदारपुष्प बहुपुष्प सुपूजिताय तस्मे म काराय नम: शिवाय:॥ शिवाय गौरी वदनाब्जवृंद सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाये श्री नीलकंठाय वृषभद्धजाय तस्मै शि काराय नम: शिवाय:॥ अवन्तिकायां विहितावतारं मुक्तिप्रदानाय च सज्जनानाम्। अकालमृत्यो: परिरक्षणार्थं वन्दे महाकालमहासुरेशम्।।
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